धनतेरसः समृद्धि और स्वास्थ्य का पर्व - पूरी जानकारी, परंपराएँ और शुभ मुहूर्त | Dhanteras

 




धनतेरस: समृद्धि और स्वास्थ्य का पर्व


1. धनतेरस का परिचय

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, भारत में दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व व्यापारियों और गृहस्थों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।


2. शब्दों का अर्थ

'धनतेरस' शब्द दो शब्दों से बना है – 'धन' (संपत्ति) और 'तेरस' (13वीं तिथि)।


3. देवताओं का पूजन

इस दिन धन की देवी, कुबेर और आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है।


4. धन और समृद्धि का महत्व

लोग इस दिन नए बर्तन, आभूषण, सोना-चाँदी खरीदते हैं, जिससे घर में समृद्धि आती है।


5. स्वास्थ्य और आरोग्य का महत्व

भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के समय अमृत लेकर आए थे। उनका पूजन करने से रोग और बिमारी दूर होती है।


6. सोने और चाँदी की खरीद

धनतेरस पर सोना और चाँदी खरीदना शुभ माना जाता है।


7. बर्तन और घरेलू सामान खरीदने की परंपरा

लोग नई थाली, बर्तन और घरेलू सामान खरीदते हैं, जिससे घर में समृद्धि आती है।


8. घर और व्यवसाय की सफाई

इस दिन घर और व्यापारिक स्थल की पूरी सफाई की जाती है।


9. दीप प्रज्वलन

धनतेरस की रात घरों में दीप जलाकर अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है।


10. धन्वंतरि पूजा

स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।


11. आयुर्वेदिक दवाओं का महत्व

इस दिन आयुर्वेदिक दवाओं और हर्बल चीजों का पूजन भी किया जाता है।


12. लक्ष्मी माता का आह्वान

घर और व्यापार में लक्ष्मी माता की कृपा पाने के लिए पूजा और सजावट की जाती है।


13. शुभ मुहूर्त

धनतेरस की तिथि त्रयोदशी के दिन होती है और प्रातः से शाम तक इसका मुहूर्त शुभ माना जाता है।


14. आध्यात्मिक महत्व

धनतेरस केवल भौतिक धन का पर्व नहीं है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि का प्रतीक है।


15. सामाजिक और पारिवारिक आयोजन

इस दिन परिवार और मित्रों के साथ मिलकर पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं।


16. मनोवैज्ञानिक लाभ

धनतेरस पर पूजा और दीप जलाने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।


17. सांस्कृतिक महत्व

धनतेरस भारतीय संस्कृति और परंपराओं में समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है।


18. समापन

धनतेरस 

हमारे जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और स्वास्थ्य लाने का सुंदर अवसर है।